लेखक परिचय: लक्ष्मण नेगी — "मेरी कहानियां" के पीछे की आवाज़
यदि मैं आपसे एक बात साझा करू तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी कि हर इंसान का जीवन बेशक एक कथा की तरह होता है और वह इंसान एक कथा वाचक। उसका जीवन कभी शांत सरिता की तरह बहता हुवा जल होता है तो कभी कठोर चट्टानों से टकराती हुई जल की धार। मेरा जीवन भी कुछ इस कहानी की ही तरह है जिसने मुझे जीवन में एक नया कदम उठाने के लिए प्रेरित किया है।
मैं -लक्ष्मण नेगी हूँ , मैं एक बहुत की शांत स्वभाव का साधारण इंसान हूँ। अपने मन-मस्तिष्क में असंख्य अनुभवों , और घटनाओं को संजोये हुए मैंने इस ब्लॉग की शुरुवात की है। इस ब्लॉग का नाम "मेरी कहानियां" मैंने ऐसे ही नहीं रखा है। क्योंकि कही न कही इसमें लिखी हुवी कहानियां वास्तविक रूप मैं मुझ से काफी सीमा तक मिलती हैं। वो अलग बात है की इसमें कुछ काल्पनिक व सच्ची घटनाओं पर आधारित कहानिया भी हैं।
मैं भारत के उत्तरी भू भाग उत्तराखंड से आता हूँ जो की एक हिमालयी क्षेत्र है। जहां प्रभात की ठंडी-ठंडी हवाएं एक आशा की किरण लेकर मन को छू जाती हैं और संध्याकाळ धुंदली यादों के साथ न जाने रात्रि प्रहर में कब बदल जाती है पता ही नहीं चलता है।
हिमालय के इन ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों एवं चट्टानों को देख कर मैंने यही सीखा है कि शांत एवं चुप रहकर भी सामर्थ्यवान बना जा सकता है। मेरा बचपन प्रकृति के बहुत नजदीक रहकर गुजरा है और शायद इसीलिए मेरे अंदर गहरी संवेदनाओं का विकास होने लगा। जो मैंने प्रकृति से सीखा चाहे वो सादगी हो या प्रकृति का सौंदर्य, वही सब मेरी लेखनी की अंतरात्मा बन गयी और शब्दों के रूप में आप लोगो तक पहुंचने लगी
शब्दों से जुड़ाव
कहानियाँ लिखने का शौक बचपन से ही था। जब दूसरे बच्चे खिलौनों से खेलते, मैं कागज़ और पेन से खेलता था। कभी कोई काल्पनिक कहानी तो कभी कोई असल ज़िंदगी का टुकड़ा — जो मन में आता, उसे शब्दों में ढाल देता। शुरू में डायरी में लिखा करता था, फिर धीरे-धीरे ये आदत जुनून बन गई।
कभी किसी अजनबी की मुस्कान मुझे कहानी दे देती, तो कभी किसी स्टेशन पर बिछड़ते दो लोगों की चुप्पी मेरे मन में गूंज जाती।
शब्द मेरे दोस्त बन गए। वो मेरे दिल की आवाज़ थे।
"मेरी कहानियां" की शुरुआत
"मेरी कहानियां" की नींव उस दिन पड़ी जब मैंने महसूस किया कि मेरी कहानियाँ सिर्फ मेरे तक सीमित नहीं रहनी चाहिए। हर कहानी किसी न किसी को छू सकती है, किसी को राहत दे सकती है, किसी को हँसा सकती है, या किसी को उसकी अपनी खोई हुई भावना दिला सकती है।
इस ब्लॉग पर मैं वो सब लिखता हूँ जो दिल के बेहद करीब है — कहानियाँ, अनुभव, रिश्तों के रंग, अकेलेपन की आवाज़ें, उम्मीद की किरणें, और कभी-कभी वो बातें जो हम कह नहीं पाते लेकिन महसूस ज़रूर करते हैं।
लेखन की प्रेरणा
मेरी कहानियों की सबसे बड़ी प्रेरणा ज़िंदगी खुद है। लोगों की मुस्कुराहट, उनकी पीड़ा, टूटते-बनते रिश्ते, किसी बच्चे की मासूमियत, एक अधूरी प्रेम कहानी, या फिर किसी बूढ़े की आँखों में छुपी अनकही दास्तां — ये सभी मेरी कहानियों की आत्मा हैं।
मुझे लगता है कि हर इंसान अपने अंदर एक कहानी लिए चलता है, और मैं बस उन कहानियों को पहचानने और उन्हें सहेजने की कोशिश करता हूँ।
मेरी लेखन शैली
देखिये जी , मैं कोई बहुत बड़ा लेखक नहीं हूँ और शैली-वैली को मैं नहीं जानता। मैं तो केवल इतना जानता हूँ की मेरी लिखी हुई कहानिया आम जन मानस तक पहुँचती है और उन्हें समझ में आती है . मैं अपने लेखन में ऐसे शब्दों का चयन करता हूँ जो भावनात्मक हो, संवेदनशील हों और सबसे अहम् बात मेरे पाठकों के मन को छूते हों। मेरी हमेशा से यह कोशिश रहती है की मेरी कहानियां ने केवल पाठक पढ़ें अपितु उनको दिल की गहराइयों से महसूस भी करें।
मैं अपनी कहानियों को बहुत ही सरल भाषा में लिखने का हमेशा प्रयास करता हूँ ताकि सभी आयु वर्ग के पाठकों को पढ़ने व समझने में परेशानी न हो। मैं सरल भाषा में कहानियां लिखता तो हूँ, परन्तु उनमें जीवन के गहरे अर्थ छुपे होते हैं। मेरी कहानियों में कभी, पिता पुत्र के बीच का अदृश्य प्रेम होता है, तो कभी ममता की छाँव। कभी भाई बहन का अटूट प्रेम , तो कभी दो प्रेमियों के विरुद्ध समाज का कड़ा रुख , कभी किसी छोटे गाँव की सादगी भरा जीवन तो कभी विज्ञान से ओत-प्रोत कहानिया। इसके अतिरिक्त और भी कहानियों के प्रकार आप "मेरी कहानियां" के अंतर्गत पढ़ सकते हैं।
पाठकों से जुड़ाव
मेरा यह मानना है "मेरी कहानियां " के पाठक सिर्फ पाठक मात्र नहीं है अपितु वे सभी मेरी इस यात्रा के सहयात्री हैं जो यात्रा के हर पड़ाव में मेरे साथ है। जब कभी भी इस पड़ाव में कोई सहयात्री यह कहता है की " क्या कहानी लिखते हो बॉस, मन किया पढता ही रहूँ" या यूँ कहे, "आपकी कहानी ने मुझे रुला दिया," या "आपकी कहानी दिल को छू गयी" तो मुझे ऐसा लगता है की मेरी यह यात्रा अपने असली और सही मंजिल की तरफ रवाना हुई है।
मेरे इन सभी सहयात्रियों की इस तरह की प्रतिक्रियाएं वास्तविक रूप से मेरे दिल को छू लेती हैं। और ये वही पल हैं जो मुझे प्रेरित करती हैं मंजिल की तरफ एक और कदम बढ़ाने के लिए ताकि मैं एक और मर्मस्पर्शी कहानी अपने इन सहयात्रियों के समक्ष ला सकूं
आगे की राह
एक लेखक होने के नाते मैं हमेशा यह चाहूंगा कि मेरे इस ब्लॉग पर सभी लोग एक दूसरे से कनेक्टेड रहे। मैं चाहता हूं कि मेरी कहानियां एक ब्लॉग मात्र न रह जाए। इस प्लेटफार्म पर सभी लोग एक साथ आए और अपने मन की बात एक दूसरे के साथ शेयर करें। उदाहरणतः जैसे कि उसमें उनकी अपनी कुछ कहानी हो सकती है, वह अपनी कहानी एक दूसरे को सुनाएं, और हमेशा एक दूसरे से कनेक्ट में रहे।
और आने वाले दिनों में हो सकता है कि मैं अपने इस "मेरी कहानियां" के संग्रहण को एक किताब का रूप देना चाहूं जिससे कि मेरी कहानी उन लोगों तक भी पहुंच सके जो इंटरनेट से दूर रहते हैं या जो इंटरनेट का उपयोग नहीं कर सकते हैं। यह "मेरी कहानियां" उन लोगो तक भी पहुंच जाए जिनका सच्चा मित्र आज भी किताबें हैं.
अंत में
मैं अपने आप को एक लेखक मात्र नहीं समझता अपितु मैं अपने आप को एक संवेदना के रूप में स्थापित करना चाहता हूँ। एक ऐसी संवेदना जो हर ह्रदय में बसी है। वह ह्रदय जो कभी प्रेम से परिपूर्ण था पर आज प्रेम के लिए तरस रहा है , एक ऐसा ह्रदय जो कभी हंसा है या फिर रोया है अपने अतीत के लिए। मैं हर उस ह्रदय में एक संवेदना के रूप में स्थापित होना चाहता हूँ जो अपने भीतर कुछ अच्छी ,कुछ कड़वी यादें लेकर धड़क रहा है
"मेरी कहानियां" मेरी एक ऐसी यात्रा है जिसमे आप भी यात्रा करते हो। जब भी आप मेरी कहानियां पढ़ते हो तो आप स्वतः ही इस यात्रा के सहयात्री बन जाते हो । और रही बात मेरे पुरूस्कार की तो आपकी प्रेणादायक प्रतिक्रियाएं, आपका स्नेह और प्रेम ही मेरे लिए सबसे बड़ा पुरूस्कार है
तो आइये शब्दों की इस यात्रा में साथ आगे बढ़ते हैं और साथ में कहानियां जीते हैं